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Vivek Oberoi
बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय इंडस्ट्री के बड़े चेहरों में से एक हैं.एक्टर अक्सर अपने बयानों के चलते चर्चा में बने रहते हैं. वहीं विवेक ओबेरॉय ने साल 2009 में फिल्म इंडस्ट्री के बारे में एक टिप्पणी की थी जो आज भी उन्हें परेशान करती है.उन्होंने कहा था, "हमारे इंडस्ट्री में टपरवेयर बॉक्स बनाने वाली कंपनी से भी ज्यादा प्लास्टिक है". इस बीच अब विवेक ओबेरॉय ने अपनी इस टिप्पणी पर सफाई पेश की.
विवेक ओबेरॉय से अपने बयान पर दिया बयान
आपको बता दें विवेक ओबेरॉय से साल 2009 में की गई इस कुख्यात टिप्पणी के बारे में पूछा गया, और उन्होंने कहा कि जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी, तब वे 'अपरिपक्व' थे.इस बारे में बात करते हुए विवेक ने कहा, "यह जोर से कहने की बात नहीं है. वे जानते हैं कि वे कौन हैं और आप भी जानते हैं. जिस तरह से मैंने यह टिप्पणी की थी, अब काफी समय हो गया है, अब मैं बड़ा हो गया हूं और अधिक परिपक्व हूं".
विवेक ओबेरॉय ने कही ये बात
अपनी बात को जारी रखते हुए विवेक ओबेरॉय ने आगे कहा, "यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह प्लास्टिक बनना चाहता है या नहीं.यह आप ही हैं जो वास्तविक बनना चुनते हैं.कुछ लोग प्लास्टिक बन जाते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि लोग उनके वास्तविक पक्ष का न्याय करेंगे.कुछ लोगों में वास्तविक होने की ताकत नहीं हो सकती है.और अन्य लोग प्लास्टिक बन जाते हैं क्योंकि उन्हें जीवित रहने का कोई और तरीका नहीं पता होता है.उन्हें लगता है कि यह सब ऐसे ही होता है नेटवर्किंग, लोगों को खुश करना, उनकी पीठ पीछे उनसे झूठ बोलना.लेकिन, जब आपको एहसास होता है कि यह सब समय की बर्बादी है, और वास्तविक होना परम संतुष्टि है, तो आप एक ध्यान की स्थिति में रहते हैं और जीवन का आनंद लेते हैं.
विवेक ओबेरॉय ने साल 2009 में दिया था ये बयान
बता दें साल 2009 में विवेक ओबेरॉय स्टार प्लस के शो तेरे मेरे बीच में आए थे, जिसे फराह खान होस्ट कर रही थीं.एक्टर ने इंडस्ट्री में अपने झगड़ों के बारे में विस्तार से बात की और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जिसे उन्होंने आयोजित किया था.विवेक ने फराह से कहा, "जैसे ही मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस करने बैठा, मुझे एहसास हुआ कि मैं कुछ गलत कर रहा हूं.मेरी अंतरात्मा ने मुझे ऐसा न करने और आमने-सामने बातचीत करने के लिए कहा.लेकिन, जब आपके पास सुझाव देने वाले बहुत से लोग होते हैं, तो आप अपने दिमाग को दबाते हैं और दूसरों की बात सुनते हैं.मैंने ऐसी बातें कह दीं जो मुझे नहीं कहनी चाहिए थीं.प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद, जिन लोगों ने सुझाव दिया था कि मुझे यह करना चाहिए, उन्होंने भी रातों-रात मुझसे दूरी बना ली.अब, मैं अपनी अपरिपक्वता और जो कुछ भी मैंने किया था, उस पर हंसता हूं.लेकिन, उस समय मैं हकीकत में डिप्रेशन में था.मैं युवा था, मैं 24 साल का था, मैं प्यार में था और कई लोग प्यार में पागल हो जाते हैं".
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